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content:"जनगणमन-अधिनायक जय हे भारतभाग्यविधाता! पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छलजलधितरंग तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मागे गाहे तव जयगाथा। जनगणमंगलदायक जय हे भारतभाग्यविधाता! जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे"
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.message:nth-child(1)::before{font-size:30px; content: "ॐ भूर्भुवः स्वः तत्स॑वि॒तुर्वरे॑ण्यं॒ भर्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि। धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्";}
.message:nth-child(2)::before{font-size:30px; content: "ॐ सह नाववतु। सह नौ भुनक्तु। सह वीर्यं करवावहै। तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै";}
.message:nth-child(3)::before{font-size:30px; content: "श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।";}
.message:nth-child(4)::before{font-size:30px; content: "वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥";}
.message:nth-child(5)::before{font-size:30px; content: "गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरः। गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः॥";}
.message:nth-child(6)::before{font-size:30px; content: "ॐ हम्हं सत्रस्तम्भनाय हम हम ॐ फट ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं सर्व मंगलाय पिंगालय ॐ नमः ॐ ऐं ऐं मनो वंछिता सिद्धायै ऐं ॐ ॐ रुद्राय रोगनशाय अगाच च राम ॐ नमः ॐ श्रीं ह्रीं सं ह्रीं श्रीं शंकरशनाय ॐ ॐ ह्रीं ह्रीं सफाल्यायै सिद्धायै ॐ नमः ॐ श्रीं बाम सौं बलवर्धनाय बालेश्वराय रुद्राय फूत ॐ ॐ ह्रं ह्रीं ह्रीं हम समष्ट ग्रह दोषा विनशय ॐ ॐ ग्रं ह्लुआं श्रौं ग्लौं गाम ॐ नमः ॐ च्हं चण्डीश्वराय तेजस्यै च्युं ॐ फुत ॐ भवोद भव संभाव्यै इष्ट दर्शना ॐ सॅम ॐ नमः";}
.message:nth-child(7)::before{font-size:30px; content: "या देवी सर्वभुतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता या देवी सर्वभुतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता या देवी सर्वभुतेषु मातृरूपेण संस्थिता या देवी सर्वभुतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः";}
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::before{font-size:30px; content: "ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ";}
.message:nth-child(9)::before{font-size:30px; content: "या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥१॥ যা কুন্দেনু তুষার হার ধবলা যা শুভ্রবস্ত্রাবৃতা যা বীণা বরদণ্ডমণ্ডিত করা যা শ্বেত পদ্মাসনা। যা ব্রহ্মাচ্যুতশংকর প্রভৃতির্দেবৈঃ সদাবন্দিতা সা মাং পাতুসরস্বতী ভগবতী নিঃশেষ জাড্যাপহাম্॥১";}
.message:nth-child(10)::before{font-size:30px; content: "शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम् विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्। लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्";}
.message:nth-child(11)::before{font-size:30px; content: "कराग्रे वसते लक्ष्मि: करमध्ये सरस्वति करमूले तु गोविन्द: प्रभाते करदर्शनम्";}
.message:nth-child(12)::before{font-size:30px; content: "त्वमेव माता च पिता त्वमेव । त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव । त्वमेव विद्या द्रविणम् त्वमेव । त्वमेव सर्वम् मम देव देव";}
.message:nth-child(13)::before{font-size:30px; content: "असतो मा सद्गमय तमसो मा ज्योतिर्गमय मृत्युर्मा अमृतं गमय";}
.message:nth-child(14)::before{font-size:30px; content: "ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत। ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥";}
.message:nth-child(15)::before{font-size:30px; content: "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिंम् पुष्टिवर्धनम् ।उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।। ";}
.message:nth-child(16)::before{font-size:30px; content: "ॐ जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट दास जनों के संकट क्षण में दूर करे ॐ जय जगदीश हरे ॐ जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे भक्त ज़नो के संकट दास ज़नो के संकट क्षण में दूर करे ॐ जय जगदीश हरे जो ध्यावे फल पावे दुःख बिन से मन का स्वामी दुख बिन से मन का सुख सम्पति घर आवे सुख सम्पति घर आवे कष्ट मिटे तन का ॐ जय जगदीश हरे मात पिता तुम मेरे शरण गहूं किसकी स्वामी शरण गहूं किसकी तुम बिन और ना दूजा तुम बिन और ना दूजा आस करूँ जिसकी ॐ जय जगदीश हरे तुम पूरण परमात्मा तुम अंतरियामी स्वामी तुम अंतरियामी पार ब्रह्म परमेश्वर पार ब्रह्म परमेश्वर तुम सबके स्वामी ॐ जय जगदीश हरे तुम करुणा के सागर तुम पालन करता स्वामी तुम पालन करता मैं मूरख खलकामी मैं सेवक तुम स्वामी कृपा करो भर्ता ॐ जय जगदीश हरे तुम हो एक अगोचर सबके प्राण पति स्वामी सबके प्राण पति किस विध मिलु दयामय किस विध मिलु दयामय तुम को मैं कुमति ॐ जय जगदीश हरे दीन बन्धु दुःख हर्ता ठाकुर तुम मेरे स्वामी रक्षक तुम मेरे अपने हाथ उठाओ अपनी शरण लगाओ द्वार पड़ा तेरे ॐ जय जगदीश हरे विषय-विकार मिटाओ पाप हरो देवा स्वामी पाप हरो देवा श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ सन्तन की सेवा ॐ जय जगदीश हरे ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे भक्त ज़नो के संकट दास ज़नो के संकट क्षण में दूर करे ॐ जय जगदीश हरे ॐ जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे भक्त ज़नो के संकट दास जनो के संकट क्षण में दूर करे ॐ जय जगदीश हरे";}
.message:nth-child(17)::before{font-size:30px; content: "जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥ जय अम्बे गौरी माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को। उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको॥ जय अम्बे गौरी कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै। रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै॥ जय अम्बे गौरी केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी। सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी॥ जय अम्बे गौरी कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती। कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति॥ जय अम्बे गौरी शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती। धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥ जय अम्बे गौरी चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे। मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥ जय अम्बे गौरी ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी। आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी॥ जय अम्बे गौरी चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूँ। बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु॥ जय अम्बे गौरी तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता। भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता॥ जय अम्बे गौरी भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी। मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी॥ जय अम्बे गौरी कन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती। श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति॥ जय अम्बे गौरी श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै। कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै॥ जय अम्बे गौरी";}
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::before{font-size:30px; content: "जय शिव ओमकारा प्रभु हर शिव ओमकारा ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा ॐ जय शिव ओमकारा जय शिव ओमकारा प्रभु हर शिव ओमकारा ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा ॐ जय शिव ओमकारा";}
.message:nth-child(19)::before{font-size:30px; content: "ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशिदिन सेवत,हरि विष्णु विधाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ उमा, रमा, ब्रह्माणी,तुम ही जग-माता। सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ दुर्गा रुप निरंजनी,सुख सम्पत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥";}
.message:nth-child(20)::before{font-size:30px; content: "Mera Joota Hai Japani Yeh Patloon Englishtani Sar Pe Laal Topi Roosi Phir Bhi Dil Hai Hindustani Mera Joota... Nikal Pade Hai Khulli Sadak Par Apna Seena Taane Manzil Kahan, Kahan Rukna Hai,Uparwala Jaane Badte Jaayen Hum Sailani, Jaise Ek Dariya Toofani Sar Pe Laal Topi Roosi Phir Bhi Dil Hai Hindustani Mera Joota... Upar-Neeche Neeche-Upar Leher Chale Jeevan Ki Nadaan Hai Jo Baith Kinare, Pooche Raah Watan Ki Chalna Jeevan Ki Kahaani, Rukna Maut Ki Nishaani Sar Pe Laal Topi Roosi Phir Bhi Dil Hai Hindustani Mera Joota... Honge Raaje Rajkanwar Hum Bigde Dil Shehzade Hum Singhasan Par Ja Baithen Jab Jab Karen Iraade Surat Hai Jaani Pehchani Duniya Walon Ko Hairani Sar Pe Laal Topi Roosi Phir Bhi Dil Hai Hindustani Mera Joota...";}
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